Scribbles
Saturday, August 1, 2009
तमन्ना
नाम तुम्हारे लिखनी हैं ग़ज़ल
पर लब्ज हमारे साथ नही हैं
जानना हैं के कौन हो तूम ?
पर राह हमारे पास नही हैं
पाना तो हैं साथ तुम्हारा
पर कोई नुस्खा पास नही हैं
खोने नही हैं ख्वाब तुम्हारे
पर नींद हमें अब आती नही हैं
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